अग्रहरी समाज सदियों से व्यापार और व्यवसाय में अपनी सशक्त पहचान बनाए हुए है। प्राचीन
काल से ही यह समाज व्यापार की विभिन्न विधाओं में निपुण रहा है, चाहे वह वस्त्र व्यापार
हो, कृषि उत्पादों का व्यापार हो या उद्योगों का संचालन। अग्रसेन महाराज के सिद्धांतों
ने अग्रहरी समाज को व्यापारिक दृष्टि से एक मजबूत नींव प्रदान की, जिससे यह समाज न केवल
भारतीय बल्कि वैश्विक बाजारों में भी सफलतापूर्वक अपनी छाप छोड़ सका।
अग्रसेन महाराज के व्यापारिक सिद्धांत
महाराज अग्रसेन ने समाज को व्यापारिक मूल्यों की शिक्षा दी। उनके सिद्धांत थे:
ईमानदारी - व्यापार में ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण मूल्य है, जो विश्वास को बनाये
रखता है। न्यायप्रियता - व्यापार में समानता और न्याय को सुनिश्चित करना। साझेदारी - दूसरों के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूती से बनाना और हर सदस्य को
बराबर का भागीदार बनाना।
अग्रसेन महाराज के इन सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए, अग्रहरी समाज ने व्यवसायिकता में
नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। व्यापारिक क्षेत्र में उनकी साख और विश्वास आज भी
उन्हें एक सफल और सम्मानित समुदाय बनाता है।