अग्रहरी समाज की सांस्कृतिक धरोहर उसकी परंपराओं, उत्सवों और रीति-रिवाजों में समाहित
है। यह समाज अपने सांस्कृतिक मान्यताओं को पीढ़ी दर पीढ़ी सहेज कर रखता आ रहा है। उनके
त्योहार, पारंपरिक वेशभूषा, संगीत, और खानपान इस धरोहर के महत्वपूर्ण अंग हैं।
महत्वपूर्ण उत्सव और परंपराएँ
अग्रसेन जयंती - महाराज अग्रसेन की जयंती पर पूरे समाज में विभिन्न सांस्कृतिक
और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है और समाज
के लोग एकत्रित होकर महाराज की शिक्षाओं का स्मरण करते हैं। सामूहिक विवाह समारोह - समाज में सामूहिक विवाह की परंपरा ने न केवल सांस्कृतिक
एकता को बढ़ावा दिया है बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को भी सहयोग प्रदान किया
है। पारंपरिक वेशभूषा - महिलाओं के लिए साड़ी और पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता उनके
पारंपरिक परिधानों का हिस्सा है, जो उनकी सांस्कृतिक पहचान को जीवित रखता है।
अग्रहरी समाज की सांस्कृतिक धरोहर उसकी पहचान और गौरव है, जो उसे अन्य समाजों से अलग और
विशिष्ट बनाती है।